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शुक्रवार, 20 अप्रैल 2012

मौन युद्ध

मौन युद्ध 
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चुप  हो  जाना 
एक  लड़ाई   है  
अद्रश्य  
जो  समझता  है
बह  भोगता  है,
चिड़ियों   सी  चहक  देता  चेहरा 
जब  मौन  हो  जाये 
तो समझो  ये 
एक  शुरू  होती  लड़ाई है 
जो  शव्द्विहीन   हो कर  चलाई है 
यह  युद्ध  का  आकार
और दूरियां  निर्मित    करने  की 
की ज्यामिति  है 
तर्क  से  भी 
सूक्ष्म  ,मौन   की  भाषा  में 
दी  जाती  है  गालियाँ
यह  अप शव्दों  से   आगे  की प्रताड़ना  है 
यह युद्ध  भयंकर साजिश है 
उत्साह  के  विरुद्ध निराशा की 
मन  के  खिलाफ 
किसी  बेमन  की , एक  करता  है शुरू 
दूसरा  भोगता  है
असहमति  के प्रदर्शन  का  यह अमानवीय 
युद्ध  बेहद  खतरनाक  है 
यह कटु बचनों  से ज्यादा  तीखा 
अनवरत  स्याह  कटार  सा  चलता  है 
ये  तो  मौन युद्ध  है 
जो  भोगे  बो  जाने  
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अनुराग चंदेरी 

  

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