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शुक्रवार, 6 अप्रैल 2012

यथार्थ हर काल हर परिस्थितियों में सत्य ही रहा है . ऐसे समय में जहाँ  सत्य की और यथार्थ की हिंदी काव्य साहित्य को ऊंचाइयो पर पहुँचाने  के लिए महती  आवश्यकता है . अनुराग जी अपनी काव्य रचनाओं    में यथार्थ को संजोकर मानवता को एक नवीन चिंतन की दिशा प्रदान कर रहे है. बर्तमान समाज में व्याप्त थोथी बाहि बाहि की सड़ांध से समाज को मुक्त करके  समाज को स्वस्थ्ता एवं स्वछता   प्रदान कर रहे है   . इनकी यथार्थवादी रचनाये जीवन के इर्द-गिर्द घूमती हुई दिखाई पड़ती  है , साथ ही बुद्धिजीवी मानव को विचार करने को मजबूर भी करती है. आपकी रचनाएं  लेखन के साथ पूर्ण न्याय करती है . धन्यवाद
म्रनालिनी ब्लॉग के प्रारंभ करने के लिए बधाईयाँ .---------डॉ कृष्णगोपाल भार्गव
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डॉ कृष्ण गोपाल भार्गव (हिंदी रचनाकार) , 
मोब -9009167130  
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