गृह लक्ष्मी
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देह विज्ञान से
परिचय के वाद
मैने नहीं जाना प्रेम
आने लगी ऊबाईयां
देख कर तुम्हारा वदन
और सहसा
बन गई तुम
एकदम सामान्य
अब नहीं लगती
आवाज तुम्हारी
काजोल जैसी
और न ही बची है रंगत
तुममे दीपिका पादुकोण सी
मेरा मन तो
बिलकुल सलमान है
ढूँढ ही लूँगा
नयी स्त्रियों को
आखिर पुरुष हूँ मै
तुम बस
रखना ख्याल
घर पर मेरे माँ बाप का
और बच्चों को
पालने का
अरे जुडी हैं
साड़ी मर्यादाये तुमसे
तुम्ही तो हो मेरी
गृह लक्ष्मी ---------------अनुराग चंदेरी