नयी आशा के साथ सुबह
तेरी लालिमा
मुझे नए जीवन से भर देती है
मै दिन भर फिर
निराशा के बीज क्यों बोउं
मैने तुझसे सीखा है
धीमे धीमे आगे बढ़ना
प्रज्ज्वलित होना
सहज हो कर बापस
अपने मार्ग मै
लौट जाना .
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मै निहारता हूँ
सूरज तुझे तेरी लालिमा
मुझे नए जीवन से भर देती है
मै दिन भर फिर
निराशा के बीज क्यों बोउं
मैने तुझसे सीखा है
धीमे धीमे आगे बढ़ना
प्रज्ज्वलित होना
सहज हो कर बापस
अपने मार्ग मै
लौट जाना .
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अनुराग चंदेरी
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