अनसुना
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चिड़िया
तुम्हारा मेरे घर आना
तिनका तिनका घोंसला बनाना
कलरब से खुशियाँ भरना
कितना प्यारा था
लेकिन तुम नहीं मानी
कितना कहा तुमसे
की घोंसला पंखे के निकट ना बनाओ
लेकिन अपनी कलावाजी के मद में
अनसुनी रही तुम
और आज जबकि
तुम नहीं हो
तुम्हार मृत शरीर
देख आँखे
डब-डवायी हैं
कुछ तो हो सकता था
में पंखा न चलाता
या तुम घोंसला न बनाती
हम दोनों ने एक दूसरे को
अनसुना क्यूँ करदिया
चिड़िया ?
-------------अनुराग चंदेरी
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चिड़िया
तुम्हारा मेरे घर आना
तिनका तिनका घोंसला बनाना
कलरब से खुशियाँ भरना
कितना प्यारा था
लेकिन तुम नहीं मानी
कितना कहा तुमसे
की घोंसला पंखे के निकट ना बनाओ
लेकिन अपनी कलावाजी के मद में
अनसुनी रही तुम
और आज जबकि
तुम नहीं हो
तुम्हार मृत शरीर
देख आँखे
डब-डवायी हैं
कुछ तो हो सकता था
में पंखा न चलाता
या तुम घोंसला न बनाती
हम दोनों ने एक दूसरे को
अनसुना क्यूँ करदिया
चिड़िया ?
-------------अनुराग चंदेरी
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