विदाई के चौराहे पर
जाते हुए
मुझे बुरा लगा
यह नहीं कि
अब मै प्रिय नहीं
तुम्हारा
बल्कि यह कि
कमीं रह गई कहाँ
मेरे उस साथ मै
जो कभी तुम्हें
लगता था
तुम्हारे जीवन से भी प्यारा ----अनुराग चंदेरी
जाते हुए
मुझे बुरा लगा
यह नहीं कि
अब मै प्रिय नहीं
तुम्हारा
बल्कि यह कि
कमीं रह गई कहाँ
मेरे उस साथ मै
जो कभी तुम्हें
लगता था
तुम्हारे जीवन से भी प्यारा ----अनुराग चंदेरी
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