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बुधवार, 12 सितंबर 2012

शेष कुछ भी

डॉ. के. राधाकृष्णन को समर्पित ------

हमारे वैज्ञानिक 
बड़े ही हैं धार्मिक 
जनेऊ को तीन बार 
कान पे चढ़ा ,
जय श्री राम कह 
खोजने जाते है 
की कण की खोज तो
वेदों में हो गई है और 
आज है जो हल्ला
विज्ञान के नाम पर
यूरोप का
बह तो पूंजीवाद का
कुचक्र है
सच तो है ये की
नहीं बचा है शेष कुछ भी
जो खोजा जाये
ऋषि मुनि
सब कर गए खोज
तो हम क्या करेंगे
जय श्री राम
जय बाला जी ही
तो कहेंगे ----------------अनुराग चंदेरी

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