आशाओं के दिए
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सूने भावों
के अंधियारे में
रिक्तता की नदी
उफान पर है
सारे सूरज चले गए हैं
अब जुगनुओं के
साथ सजा है
टिमटिमाने का संसार .
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सूने भावों
के अंधियारे में
रिक्तता की नदी
उफान पर है
सारे सूरज चले गए हैं
अब जुगनुओं के
साथ सजा है
टिमटिमाने का संसार .
जो बुझाता है
जलाता है
आशाओं के दिए
सारी रात ---------अनुराग चंदेरी
जलाता है
आशाओं के दिए
सारी रात ---------अनुराग चंदेरी
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