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बुधवार, 12 सितंबर 2012

चुप्पी

जीवन के परे 
जीवन की बाते 
सिखाया किये पिता 
प्रार्थनाओं में 
माँगना सीखा किये 
बचपन से ही 
माँ ने भी 
हौसले की जगह 
चमत्कार को मानना सिखाया 
अक्सर मेरा बाल मन पूछता 
की मेरे ॐ जय जगदीश गाने से
क्या होगा
माँ कहती क़ि
स्वर्ग मिलेगा बेटा
और बहां
माँ कहती क़ि
अप्सराएँ होगी
बहुत सुन्दर
मैने पूछा -माँ
तुझे भी कुछ मिलेगा ?
माँ चुप रहती
और आज भी चुप है
स्वर्ग में भी इस चुप्पी का
कोई उत्तर नहीं
ये तो धर्मगुरु बताएं --------अनुराग चंदेरी

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