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शुक्रवार, 4 मई 2012

दर्द


मेरे हिस्से में 
दर्द भर होते 
तो क्या बात थी , 
मुझे तो झूंठा 
हँसना भी पड़ता है
उसके लिए ----------अनुराग चंदेरी
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