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मंगलवार, 14 अगस्त 2012

रिश्ते

कैसे कैसे रिश्ते 
बनाने चला था मै
आग के दरिया से 
शीतल बयार 
कहने चला था मै 
दोस्ती के 
कितने वास्ते 
देता उसे 
जिसके दिल मे 
न था 
उसके दिल मे
जगह पाने चला था मै--अनुराग चंदेरी 

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