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मंगलवार, 14 अगस्त 2012

खुशबू

बिखरना फूलों को ही 
नहीं आता 
कुछ रिश्ते भी 
ऐसे ही बिखरते है 
बो आज भी 
कितने प्यारे हैं
उनके पल्लवित पल 
और प्रमुदित खुशबू 
आज भी 
बहीं ठहरी है 
मेरे मन के साथ ---------------------अनुराग चंदेरी

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