बिखरना फूलों को ही
नहीं आता
कुछ रिश्ते भी
ऐसे ही बिखरते है
बो आज भी
कितने प्यारे हैं
उनके पल्लवित पल
और प्रमुदित खुशबू
आज भी
बहीं ठहरी है
मेरे मन के साथ ---------------------अनुराग चंदेरी
नहीं आता
कुछ रिश्ते भी
ऐसे ही बिखरते है
बो आज भी
कितने प्यारे हैं
उनके पल्लवित पल
और प्रमुदित खुशबू
आज भी
बहीं ठहरी है
मेरे मन के साथ ---------------------अनुराग चंदेरी
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