अब तुम नहीं मानते
मेरे यकीनों को
तो क्या
बे आज भी
हैं उतने सच्चे
जितने तुम्हारे धोखे
मन आज
तुम्हारा फैशन
में आकर
चाहता है की नए
मेरे यकीनों को
तो क्या
बे आज भी
हैं उतने सच्चे
जितने तुम्हारे धोखे
मन आज
तुम्हारा फैशन
में आकर
चाहता है की नए
कपडे पहने जाएँ
नए दोस्तों के साथ
मौज की लहरों पे
सबार हुआ जाये
लेकिन एक दिन
ये लहरें भी
दिखेंगीं तुम्हे
उतनी दूर
जितना तुम मुझे
दूर देखना
चाहते हो -----अनुराग चंदेरी
नए दोस्तों के साथ
मौज की लहरों पे
सबार हुआ जाये
लेकिन एक दिन
ये लहरें भी
दिखेंगीं तुम्हे
उतनी दूर
जितना तुम मुझे
दूर देखना
चाहते हो -----अनुराग चंदेरी
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