खो कर सब
मै बैठा
उदासी से बतियाता
रहा ,तभी देखा कि
एक रेशा चमक का
आँखों मे छिपा अब भी
कुछ कहना चाह रहा है
मैने उसे भी
अबसर दिया
कि कहे अपनी बात
मै बैठा
उदासी से बतियाता
रहा ,तभी देखा कि
एक रेशा चमक का
आँखों मे छिपा अब भी
कुछ कहना चाह रहा है
मैने उसे भी
अबसर दिया
कि कहे अपनी बात
बह बोला
उठो ,चलो
हाथ पर हाथ मत रखो
अभी लड़ना है बहुत
आगे बढ़ना है बहुत ------अनुराग चंदेरी
उठो ,चलो
हाथ पर हाथ मत रखो
अभी लड़ना है बहुत
आगे बढ़ना है बहुत ------अनुराग चंदेरी
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